भारतीय ज्ञान परंपरा: विविध आयाम
pp x+142
यह पुस्तक भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध पक्षों को निरूपित करती है और इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों के लेखों का संकलन है। शिक्षा व्यवस्था के आलोक में यह विषय अत्यंत प्रासंगिक और विचारणीय है। परंपरा सातत्य का नाम है जिसे सुरक्षित रखकर मजबूत भविष्य की नींव रखी जा सकती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भी सदियों की परंपरा को पुनर्जीवित करने और युगानुकूल प्रस्तुत करने पर विशेष बल दिया है। ज्ञान के असीम भंडार को जन-जन तक पहुंचाना और उसके साक्षात्कार द्वारा एक मूल्याधारित आदर्श समाज का निर्माण करना आज के परिदृश्य में एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है । उसी दिशा में यह एक लघु प्रयास है। आशा हैं कि यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों और सभी पाठकों के लिए उपयोगी होगी तथा विद्वत समाज के द्वारा इस कार्य की सराहना होगी ।
प्रो. सरोज शर्मा, अध्यक्ष
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नोएडा, भारत एम.एससी. (वनस्पति विज्ञान), एम.ए. (समाजशास्त्र), एम.एड., एम.बी.ए., एम.फिल. एवं पीएच.डी. (शिक्षा)
डॉ. बालकृष्ण राय, उप-निदेशक
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान एम.ए (हिंदी), एम.ए (जनसंचार), एम.फिल एवं पीएच.डी (हिंदी)
डॉ. सुनीता जोशी कथूरिया
सलाहकार (अनुसंधान एवं मूल्यांकन) राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान एम.एससी (जीव विज्ञान), एम.ए. (मनोविज्ञान), एम.एड. एवं पीएच.डी (शिक्षा)
अनुक्रमणिका
संदेश प्रस्तावना
1. भारतीय ज्ञान व्यवस्था का क्रमिक उन्नयन / प्रो. सरोज शर्मा एवं डॉ. राम नारायण मीणा
2. भारतीय ज्ञान परंपरा की समकालीन शिक्षा प्रणाली में प्रासंगिकता / प्रो. (डॉ.) संतोष अरोरा
3. वैदिक शिक्षा प्रणाली के मुख्य अभिलक्षण / विकास आर्य
4. भारतीय परंपरा में भारत का 'स्व' और उसकी सांस्कृतिक चेतना / डॉ. प्रवीण कुमार तिवारी
5. स्वतः अध्ययन द्वारा प्रभावी विद्या प्राप्ति: स्वामी विवेकानंद के संदर्भ में / डॉ. रचना भाटिया एवं डॉ. चिन्मय कुमार घोष
6. भारतीय विद्या की परंपरा और वर्तमान में उसका व्यवहार्य स्वरूप / यशोधन वझे
7. भारतीय परंपरा में गंगा का स्वरूप : एक परिचय / डॉ. बालकृष्ण राय
8. यौगिक संस्कृति और हम / डॉ. पवन कुमार चौहान
9. भारतीय ज्ञान और पारंपरिक प्रथाओं का वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य / डॉ. सुनीता जोशी कथूरिया एवं प्रो. सरोज शर्मा
10. वैदिक गणित / पुनीत त्रिपाठी
11. भारतीय ज्ञान परंपरा और इंजीनियरिंग / डॉ. सरिता सोनी