My Shopping Bag   Item (0)

Samajik Vigyan Shikshan: Prathmik Ster Per

Hindi

Year: 2021

Bibliography:

x+266pp

ISBN: 9789388691581(hb)

Price: $40

Add to cart

ISBN: 9789388691598(pb)

Price: $9

Add to cart

About the Book

 सामाजिक विज्ञान, समाज से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा एक महत्वपूर्ण व्यावहारिक विषय है इसकी प्रकृति, विषय की गंभीरता एवं व्यापकता को देखते हुए यह विद्यालयी पाठ्यचर्या का एक अभिन्न अंग है। यह पाठ्यपुस्तक भावी अध्यापकों को सामाजिक विज्ञान पाठ्यचर्या, समाजिक विज्ञान शिक्षाशास्त्र के सिधांतो, विभिन्न उपागमों से अवगत कराने के साथ–साथ NCF 2005 और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) में उल्लेखित सामाजिक विज्ञान पाठ्यचर्या से जुड़े विभिन्न मुख्य बिंदुओं, पहलुओं व संबंधित विशिष्ट क्षेत्रों की जानकारी देती है और वे इनका सही प्रकार से अनुप्रयोग करते हुए शिक्षण अधिगम के उद्देश्यों की प्राप्ति कर सकेंगे। यह पाठ्य पुस्तक सामाजिक विज्ञान के शिक्षार्थियों की आवश्यकता एवं उनके पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर सरल भाषा में लिखी गई है। आशा है कि यह पुस्तक शिक्षार्थियों और अध्यापकों के लिये उपयोगी सिद्ध होगी।


About Author

डॉ. चित्ररेखा, अर्थशास्त्र, शिक्षाशास्त्र एवं मनोविज्ञान में परास्नातक है। आपने जामिया मिलिया इस्लामिया से शिक्षाशास्त्र में परास्नातक एवं पी. एच. डी की उपाधि प्राप्त की है। शिक्षा के क्षेत्र से लगभग पिछले 14 वर्षों से जुड़ी हुई हैं  और पिछले एक दशक से SCERT/DIET दिल्ली में कार्यरत हैं। शिक्षा से जुड़े‌ विभिन्न पहलुओं पर लगभग 20 से अधिक लेख/ शोध लेख लिखे व किये हैं जो कि NCERT की विभिन्न पत्रिकाओं व अ‍ॅन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। डॉ. चित्ररेखा शिक्षा के क्षेत्र में रचनात्मकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण व क्रियात्मक अनुसंधानों को बढ़ावा देने में विश्वास रखती हैं। 


Contents

  1. प्राथमिक स्तर पर सामाजिक विज्ञान सीखने के प्रतिफल(Learning Outcomes of Social Science at Elementary Stage) 1

सामाजिक विज्ञान : सीखने के प्रतिफल उच्च प्राथमिक स्तर पाठ्यचर्या सम्बन्धी अपेक्षाएँ

1.1 सीखने के प्रतिफल कक्षा -6 (सामाजिक विज्ञान) – एन. सी. ई. आर. टी.

1.2 सीखने के प्रतिफल कक्षा -7 (सामाजिक विज्ञान) – एन. सी. ई. आर. टी.

1.3 सीखने के प्रतिफल कक्षा -8 (सामाजिक विज्ञान) – एन. सी. ई. आर. टी.

      2. सामाजिक अध्ययन का अर्थ एव प्रकृति(Meaning, Nature and Scope of Social Studies)

2.1 सामाजिक अध्ययन कामहत्व

2.2 सामाजिक अध्ययन शिक्षण की आवश्यकता

2.3 सामाजिक अध्ययन की प्रकृति

2.4 सामाजिक अध्ययन का क्षेत्र

2.5 भूगोल

2.6 इतिहास

2.7 नागरिक शास्त्र/ राजनीतिशास्त्र

2.8 सामाजिक अध्ययन व अन्य विद्यालयी विषयों में सम्बन्ध

2.9 सामाजिक अध्ययन व सामाजिक विज्ञान में अंतर

2.10 सामाजिक अध्ययन शिक्षण के लक्ष्य व उद्देश्य

2.11 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2005) सामाजिक विज्ञान काशिक्षण राष्ट्रीय फोकस समूह के आधार पत्र के सामाजिक अध्ययन के उद्देश्य

2.12 सामाजिक अध्ययन शिक्षण में निहित मूल्य

3. सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या(Curriculum of Social Studies)

3.1 पाठ्यचर्या व पाठ्यक्रम में अंतर

3.2 सामाजिक अध्ययन की पाठ्यचर्या निर्माण के उद्देश्य

3.3 सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या संगठन एवं निर्माण के सिद्धान्त

3.4 सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या के विकास व निर्माण के आधार

3.5 सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या के उपागम

3.6 विषय केंद्रित उपागम : अर्थ विशेषताएँ एवं प्रकार

3.7 सामाजिक समस्या/मुद्दों पर केंद्रित उपागम

3.8 शिक्षार्थी केंद्रित उपागम

4. सामाजिक विज्ञान का शिक्षण : राष्ट्रीय फोकस समूह का आधार पत्र(एन.सी. आर.टी. 2005) (Teaching of Social Science: Position Paper National Focus Group)

4.1 सामाजिक विज्ञान सम्बन्धी प्रचलित धारणाएँ

4.2 विचारणीय मुद्दे

4.3 प्रस्तावित ज्ञान मीमांसीय ढ़ाँचा

4.4 सामाजिक विज्ञान का शिक्षण

4.5 शिक्षण के उपागम

5. सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या का मूल्यांकन (Evaluation of Social Studies Curriculum)

5.1 पाठ्यचर्या मूल्यांकन की आवश्यकता एवं महत्व

5.2 पाठ्यचर्या मूल्यांकन में शामिल होने वाले पक्ष

5.3 सामाजिक अध्ययन पाठ्यचर्या मूल्यांकन के प्रकार

5.4 पाठ्यचर्या मूल्याकंन के चरण

6. इतिहास सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण धारणाएँ एव विचार (Important Concepts and Concerns of History)

6.1 संस्कृति

6.2 भौतिक संस्कृति/सभ्यता

6.3 संस्कृतिएवं सभ्यता में अंतर

6.4 ऐतिहासिक विरासत

6.5 दिल्ली एक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत का शहर

6.6 विरासत के संरक्षण की आवश्यकता

7. राजनीति शास्त्र से जुडी महत्त्वपूर्ण धारणाएँ एव विचार (Important Concepts and Concern of Political Science)

7.1 सरकार का गठन

7.2 संघ/ केंद्र सरकार

7.3 राज्य स्तर पर सरकार

7.4 स्थानीय स्तर पर सरकार

7.5 सामाजिक लक्ष्य

7.6 लोकतांत्रिक सरकार की विशेषताएँ

7.7 मौलिक अधिकार

7.8 मूल कर्त्तव्य

7.9 उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की आवश्यकता

8. भूगोल सम्बंधी महत्त्वपूर्ण धारणाएँ एव विचार(Important Concepts and Concerns of Geography)

8.1 मानसून एवं महासागरीय धाराएँ

8.2 अल नीनो

8.3 लानीनो

8.4 जलवायु

8.5 भौगोलिक कटिबंध

8.6 प्राकृतिक प्रदेश/क्षेत्र

8.7 संसाधन

8.8 सततपोषणीय विकास

8.9 पर्यावरणीयक्षरण

8.10 वैश्विक तापन

8.11 आपदा प्रबंधन की आवश्यकताएवं महत्व

9. अनुदेशी योजना (Instructional Planning)

9.1 अनुदेशी योजना

9.2 अनुदेशीय योजना के रूप

9.3 दैनिक पाठ योजना

9.4 रचनावादी पाठ योजना

9.6 इकाई योजनावपाठ योजना में अंतर

10. शिक्षण-अधिगम विधियाँ एव तकनीक (Teaching-Learning Methods and Techniques)

10.1 परियोजना विधि

10.2 कहानी कथन

10.3 प्रश्न पूछना (कौशल)

10.4 समस्या समाधान

10.5 सर्वेक्षण

10.6 खोज विधि / अंवेषण विधि

10.7 क्षेत्र कार्य/क्षेत्र भ्रमण /अध्ययन यात्रा

10.8 व्याख्यान विधि

10.9 प्रदर्शन/निदर्शन विधि

10.10 चर्चाविधि

10.11 संवाद

11. तात्कालिक (सम-सामयि) घटनाओं की उपयोगिता (Need and Importance of Current Events)

12. सामुदायि संसाधनों की सामाजिक अध्ययन शिक्षण में उपयोगिता (Utilizing Community Resources in Teaching of Social Studies)

13. सामाजिक विज्ञा के अध्यापक के गुण व बदलते समय में उसकी भूमिका(Social Science Teacher’s Qualities and Role in Changing Times)

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 के अनुसार सामाजिक विज्ञान का शिक्षक

बदलते समय में एक सामाजिक अध्ययन के अध्यापक की भूमिका

14. शिक्षण-अधिगम सामग्री व शिक्षण उपकरणों की उपयोगिता एव महत्व(Teaching Learning Material, Devices and Tools for Effective Transaction)

14.1 शिक्षण अधिगम सामग्री के प्रकार

14.2 श्यामपट्ट

14.3 फलालैन बोर्ड

14.4 बुलेटिन बोर्ड

14.5 चार्ट

14.6 ग्राफ/ आरेख

14.7 काल रेखाएँ

14.8 फ्लैशकार्ड्स

14.9 मॉडल

14.10 मानचित्र

14.11 ग्लोब

14.12 मानचित्रावली

14.13 प्रदर्शनी

14.14 संग्रहालय

14.15 स्क्रेपबुक

14.16 चित्र

14.17 ओवर हैड प्रोजेक्टर

14.18 रेडियो

14.19 टेलीविजन

14.20 कम्प्यूटर

14.21 सामाजिक अध्ययन कक्ष की आवश्यकता एवं महत्व

14.22 सामाजिक अध्ययन पाठ्य पुस्तक की आवश्यकता, महत्व एवं विश्लेषण

15. आँकडो की आवश्यकता एव महत्व

(Need and Importance of Data)

15.1 आँकड़े/समंक

15.2 समंको की विशेषताएँ

15.3 आँकड़ेप्रयोगकरने की विधि/पद

15.4 इतिहास, भूगोल वराजनीतिशास्त्र के संदर्भमें आँकड़ों कामहत्व

15.5 समंको के प्रकार

15.6 प्राथमिक समंक वद्वितीयक समंक में अंतर

15.7 प्राथमिक सामग्री के संग्रह करने की विधियाँ

15.8 प्रश्नावली तैयार करना

15.9 द्वितीयक समंकों के स्त्रोत

16. अधिगमकर्ता का आकलन एवं मूलयांकन(Learner’s Assessment and Evaluation)

16.1 मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषा

16.2 आंकलन

16.3 समाजिक अध्ययन में आकलन एवं मूल्यांकन की आवश्यकता

16.4 मूल्यांकन के प्रकार

16.5 निर्माणात्मक मूल्यांकन और संकलात्मक मूल्यांकन में अन्तर

16.5 सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ एवं उपयोगिता

17. मूल्यांकन की तकनीकें व उपकरण(Evaluation Techniques)

17.2 सामाजिक अध्ययन में इस्तेमाल किये जाने वाले मूल्यांकन के उपकरण

17.3 शैक्षिक अर्थात संज्ञानात्मक क्षेत्र से जुड़ी कुशलताओं को मापने के लिये प्रयोग किये जाने वाले उपकरण (प्रश्न पत्र, उपलब्धि परीक्षण आदि)

17.4 सामाजिक अध्ययन में सह-शैक्षिक पक्ष का मूल्यांकन

17.5 अच्छेमूल्यांकन उपकरण की विशेषताएँ

18. सामाजिक विज्ञान में क्रियात्मक शोध(Action Research in Social Science)

18.1 शोध

18.2 क्रियात्मक शोध

18.3 क्रियात्मक शोधके सोपान

18.4 क्रियात्मक शोधके विभिन्न अभिकल्प

18.5 क्रियात्मक शोध रिपोर्ट

18.6 क्रियात्मक शोध सम्बन्धी उदाहरण

सन्दर्भ (References)

 


Additional Info.

Subcribe for our mailing list