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SHIKSHA ME AADHARBHUT SAMPRATYY AVM VICHAR

शिक्षा में आधारभूत संप्रत्यय एवम् विचार

Year: 2024

Bibliography:

pp vi+346

ISBN: 9789391978587(HB)

Price: $64

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ISBN: 9789391978976(PB)

Price: $20

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About the Book

यह पुस्तक शिक्षा की पारंपरिक अवधारणा से हटकर आधुनिक अवधारणा व NEP 2020 के आधार पर व्याख्या करती है, जिससे विद्यार्थी इसमे आने वाले परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कारणों को समझ सकें। यह एक व्यापक पुस्तक है जिसे शिक्षा की प्रकृति, क्षेत्र और लक्ष्य, शिक्षा की प्रक्रियाओं, ज्ञान के विभिन्न रूपों से उन्हें प्राप्त करने की विधियों, स्कूल पाठ्यक्रम में ज्ञान का संगठन, शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों की स्वायत्ता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को समझने के लिए डिजाईन किया गया है और वर्तमान परिपेक्ष्य की महत्वपूर्ण आवश्यकता के अनुसार यह पुस्तक विद्यार्थियों में मूल्यों के विकास की विधियों का भी वर्णन करती है। यह विद्यार्थी-शिक्षकों को पूछताछ, आलोचनात्मक विश्लेषण एवम् बौद्धिक चिंतन की प्रक्रिया मे शामिल होने की लिए असीम अवसर प्रदान करती हैं।


About Author

डॉ. रेनू गुप्ता तीन दशकों से अधिक समय तक शिक्षण व्यवसाय में रहने के साथ-साथ एक दशक से अधिक समय तक प्रशासन का कार्य कर रही हैं। शिक्षा पर प्रमुख पुस्तकों के प्रकाशन के साथ साथ पी.एच.डी. विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी कर रही हैं। उनके 40 से अधिक अनुसंधान प्रपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उनका विस्तृत अनुभव शिक्षार्थियों एवं प्रशिक्षकों द्वारा स्वीकृत पुस्तकों मैं प्रतिबिम्बित होता हैं।
 
वह हिन्दू शिक्षण महाविद्यालय, सोनीपत में प्रिसिंपल, शारदा यूनिवर्सिटी में अध्यक्षा रह चुकी हैं और वर्तमान में संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा में स्कूल ऑफ एजुकेशन में डीन एवं प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
 
डॉ. रीना सरोहा हिन्दू शिक्षण महाविद्यालय, सोनीपत, हरियाणा में प्रशिक्षक रहते हुए 20 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित कर चुकी हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार व सम्मेलनों मे शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं। वह एक युवा शोधकर्मी हैं। उनकी रुचि के मुख्य क्षेत्र - शैक्षिक दर्शन, शिक्षा समाजशास्त्र, शैक्षिक प्रोद्योगिकी एवं समावेशी शिक्षा हैं।


Contents

1. शिक्षा का अर्थ एवं प्रक्रिया (Meaning and Process of Education)

 
शिक्षा का शाब्दिक अर्थ/ 2; शिक्षा का दार्शनिक संप्रत्यय/3; शिक्षा का समाजशास्त्रीय संप्रत्यय/3; शिक्षा का मनोवैज्ञानिक संप्रत्यय/4; शिक्षा का भारतीय संप्रत्यय/4; शिक्षा का पाश्चात्य संप्रत्यय/6; शिक्षा की उपयुक्त परिभाषा/8; शिक्षा का संकुचित संप्रत्यय/8; शिक्षा का व्यापक संप्रत्यय/9; शिक्षा का विश्लेषणात्मक अर्थ ।।: शिक्षा के अंग या तत्व /13; शिक्षा की प्रक्रिया/14; शिक्षा की अंतः अनुशासित प्रकृति/17; दर्शन/20; मनोविज्ञान/21; समाजशास्त्र/21; इतिहास/21; राजनैतिक विज्ञान/22

2. शिक्षा के संप्रत्ययों का विश्लेषण Analysis of Different Concepts of Education) 

शिक्षा/23; शिक्षण/23; परिभाषा/23; शिक्षण संप्रत्यय का विश्लेषण/24; शिक्षा तथा शिक्षण में अंतर/28; अनुदेशन/29: अनुदेशन संप्रत्यय का विश्लेषण/31; शिक्षा तथा अनुदेशन में अंतर/31; प्रशिक्षण/32; प्रशिक्षण संप्रत्यय का विश्लेषण/33: शिक्षा तथा प्रशिक्षण में अंतर/34; प्रतिपादन/35; प्रतिपादन संप्रत्यय का विश्लेषण/36; शिक्षा तथा प्रतिमान में अंतर/36; अधिगम (स्मंतदपदह)/38; अधिगम संप्रत्यय का विश्लेषण/39; शिक्षा और अधिगम में अंतर 42 विद्यालयीकरण/44; विद्यालयीकरण संप्रत्यय का विश्लेषण/45; शिक्षा एवं विद्यालयीकरण में अंतर/45

 
3  शिक्षा के प्रयोजन व उद्देश्य (Purpose and Aims of Education)
 
शिक्षा प्रक्रिया/47; प्रयोजन व उद्देश्य का अर्थ/47, प्रयोजन व उद्देश्य में अन्तर/48; शिक्षा के प्रयोजन/48; शिक्षा के उद्देश्यों की आवश्यकता/52, शिक्षा के उद्देश्यों को निश्चित करने वाले तत्व 153; उद्देश्यों के विभिन्न प्रकार/54, शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य/56, शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य के प्रति समर्थन के कारण/57, शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्य की आलोचना/58: शिक्षा के सामाजिक उद्देश्य/59; शिक्षा के सामाजिक उद्देश्य की विभिन्न व्याख्याएँ/60; प्रजातान्त्रिक राज्यों में स्वीकृत महत्वपूर्ण सामाजिक उद्देश्य/61, शिक्षा के सामाजिक उद्देश्य के पक्ष में तर्क/62; सामाजिक उद्देश्य के विपक्ष में तर्क/62; शिक्षा के वैयक्तिक एवं सामाजिक उद्देश्यों का समन्वय 63; लोकतान्त्रिक समाज में शिक्षा के उद्देश्य/64; प्राचीन भारत में शिक्षा के उद्देश्य/65; मध्यकालीन भारत में शिक्षा के उद्देश्य 165; ब्रिटिश शासनकाल में शिक्षा के उद्देश्य/66; स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत में शिक्षा के उद्देश्य/66; विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य/66; माध्यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य/67; भारतीय शिक्षा आयोग के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य/69; उत्पादन में वृद्धि/69; सामाजिक तथा राष्ट्रीय एकता प्राप्त करना/70; आधुनिकीकरण के लिए शिक्षा/71; सामाजिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक मूल्यों का निर्माण करना/72; राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य/72; राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2000 के अंतर्गत शिक्षा के उद्देश्य/73; राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य/76; शिक्षा पर अन्तर्राष्ट्रीय आयोग-1996/80; राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा के उद्देश्य 181

4. शिक्षा के ज्ञान मीमांसा रूपी आधार (Epistemological Basis of Education)

ज्ञान क्या है 7/86: ज्ञान के रूप/88: ज्ञान की विशेषताएँ/89; ज्ञान के प्रकार/89; ज्ञान के प्रकार/90; विश्वास/92; जाँच/93; कारण/तर्क/95; तर्कवादी/95; तर्कवाद का सिद्धांत/96; आधुनिक सिद्धांत/96; संवेद विवेकपूर्ण सिद्धांत/96;

5. प्राचीन भारतीय लक्ष्य-पुरुषार्थ(Ancient Indian Goals—Purusharthas)

अर्थ/101: काम/102; धर्म/103; अर्थ (भौतिक आवश्यकताएँ)/103; मोक्ष (आध्यात्मिक कल्याण)/103; मोक्ष/104

6. नैतिकता, मूल्य एवं आदर्श (Ethics, Values and Ideals)

नैतिकता/106: भारतीय परम्परा में नैतिकता/108: नैतिकता की विशेषताएँ/109; नैतिकता की प्रकृति/110; नीति-शास्त्र के प्रकार/सिद्धांत/111; प्रयोगात्मक नीतिशास्त्र/114; नीति-शास्त्र का महत्व/116: नीतिशास्त्र का विकास कैसे किया जाए?/117; मूल्य/119; परिभाषा/120: मूल्यों को निर्धारण करने वाले तत्व या कारक/सिद्धांत/121; मूल्यों के प्रकार/121; आवश्यकता तथा महत्व/ 123: मूल्यों का विकास किस प्रकार किया जाए?/124; शिक्षा के उद्देश्य/126: प्रत्यक्ष मूल्य शिक्षा सत्र/127; विषय सामग्री में अप्रत्यक्ष रूप में मूल्यों के लिए शिक्षा/127; पढ़ाने के ढंग में परिवर्तन/127: व्यक्तिगत तथा सामूहिक पाठ्य सहगामी क्रियाएँ /127; समुदाय में स्कूल का योगदान 128; शिक्षण स्टॉफ की भूमिका/128; स्कूलीय वातावरण तथा प्रबंधन/129; अध्यापक, विद्यार्थी तथा स्कूल का क्रमबद्ध मूल्यांकन /129; आदर्श/130; आदशों का विकास/133: कला एवं आदर्श/ 135; एक आदर्श विद्यार्थी की विशेषताएँ/135; एक आदर्श अध्यापक की विशेषताएँ/136; नीतिशास्त्र, मूल्य एवं आदर्श में अंतर/138;

7. शिक्षा एवं समाजीकरण (Education and Socialization)

समाजीकरण का अर्थ/140: समाजीकरण की विशेषताएँ / 142; समाजीकरण के प्रकार/144; समाजीकरण के लिए शिक्षा की भूमिका/148; शिक्षा के उद्देश्य/149; समाजीकरण एवं पाठ्यक्रम/150; समाजीकरण और शिक्षण विधियाँ/151; समाजीकरण एवं अध्यापक / 151;

 

8 . समाजीकरण के साधन (Agencies of Socialization)

साधनों के प्रकार/154; स्कूल/154; आधुनिक स्कूल/155; स्कूल शब्द का उत्पत्ति/155: परिभाषा/156; स्कूल के कार्य/157: प्रत्यक्ष कार्य/157; आधुनिक कार्य/158; घर/परिवार/161; आधुनिक घर की विशेषताएँ/162; परिवार के महत्त्वपूर्ण कार्य/163; समाजीकृत संस्था के रूप में परिवार की सीमाएँ / 166; परिवार को समाजीकरण का प्रभावशाली साधन बनाने के उपाय/167; साथी-समूह/सहयोगी समूह/167: सहयोगी समूह की विशेषताएँ/158: सहयोगी समूह का वर्गीकरण/169; सहयोगी समूहों के कार्य/170; जनसंचार/171; जनसंचार के प्रकार/ 172 पत्रित संचार माध्यम का महत्व/173; समुदाय/175; परिभाषा/176; समुदाय की विशेषताएँ/ 176: समाजीकरण में समुदाय की भूमिका /77

 

9. शिक्षा एवं संस्कृति (Education and Culture)

संस्कृति का अर्थ/ ४१ संस्कृति एवं शिक्षा में संबंध/186; संस्कृति एवं शिक्षा के विभिन्न

पक्ष/187; संस्कृति के प्रति शिक्षा के कार्य/190; संस्कृति एवं विचारधारा/196; संस्कृति/196; विचारधारा/197; विचारधारा की विशेषताएँ/ 198; विचारधारा के प्रकार/198; विचारधारा एवं संस्कृति में अंतर/199

 

10. संवैधानिक मूल्य (Constitutional Values)

समानता/202: स्वतंत्रता/204: न्याय/206; धर्म निरपेक्षता/208; मानव अधिकार/210

।।. शिक्षा के केन्द्र (Focus of Education)

जानने के लिए सीखना/217; जानने के लिए सीखना चुनौतियाँ/219; करने के लिए सोखना/219; मिलकर रहने के लिए सीखना/222: लक्ष्य/223: अस्तित्व बनाए रखने के लिए सीखना/223:

12. विकासशील एवं लोकतांत्रिक समाज के संदर्भ में शिक्षा के उद्देश्यों के निर्माण के आधार (Bases for Formulating Aims of Education in Developing and Democratic Society)

विकासशील समाज/227; विकासशील समाज की विशेषताएँ/228; लोकतांत्रिक समाज/229; लोकतांत्रिक समाज की विशेषताएँ/230: शिक्षा के उद्देश्यों के निर्माण के आधार/231; शिक्षा के उद्देश्यों के दार्शनिक आधार/230; शिक्षा के उद्दश्यों के सामाजिक आधार/232; सामाजिक इच्छाएँ एवं आकांक्षाएँ/232; सामाजिक परम्परा की सुरक्षा तथा हस्तांतरण/234; सामाजिक नियंत्रण/235; सामाजिक विकास/235: राजनैतिक आधार/235: स्वतंत्रता/236; समानता/236; बन्धुत्व/236; न्याय/236; व्यक्तियों की गरिमा का आदर/237; सहयोग/237; मनोवैज्ञानिक आधार/237; नैतिक आधार/239; आर्थिक आधार/240;

13. जॉन डीवी (1859-1952) [John Dewey (1859-1952)]

डीवी का जीवन/243; डीवी का लेखन कार्य/244; डीवी की दार्शनिक विचारधारा/244; शिक्षा के उद्देश्य 246: व्यक्तिगत उद्देश्य/247: सामाजिक उद्देश्य/248; पाठ्यक्रम/248; शिक्षण विधियाँ/250; अनुशासन/252; शिक्षक/253; अध्यापक शिक्षा/255; अभ्यास/255; अभ्यास के स्तर/256: विद्यार्थी/257: विद्यालय/259; डीवी के दर्शन का मूल्यांकन/260; डीवी के दर्शन की आलोचना/261

14. जीन जैक्स रूसो (1712-1778) [Jean Jacques Rousseau (1712-1778)]

संक्षिप्त जीवन परिचय/263: रूसो की दार्शनिकता/264; प्रकृति का त्रिमुखी अर्थ/265; रूसो का शिक्षा दर्शन/266; शिक्षा के प्रकार/266; सकारात्मक शिक्षा/267; नकारात्मक शिक्षा/267; शिक्षा के उद्देश्य/269; वर्तमान सुख की प्राप्ति/269; स्वतंत्रता की प्राप्ति/269; विभिन्न अवस्थाओं में शिक्षा के उद्देश्य/269; पाठ्यक्रम/271; शैशवकाल/271; बाल्यावस्था/271; लड़कपन/पूर्व किशोरावस्था/271; युवावस्था/272; शिक्षण विधियाँ/273; शिक्षक/अध्यापक/275; अनुशासन/275; शिक्षार्थी/276; विद्यालय/276; स्त्री शिक्षा/276; वर्तमान शिक्षा पर रूसो का प्रभाव/278; मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास/278: शिक्षा का नवीन संप्रत्यय/278; वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास/279; शिक्षा को सामाजिक बल प्रदान करना/279; आधुनिक शिक्षण पद्धति/279; विस्तृत पाठ्यक्रम/280; स्वतंत्र तथा सकारात्मक अनुशासन/280; रूसो के शैक्षणिक विचारों की सीमाएं/280; असामाजिक विचार/280; पूर्ण स्वतंत्रता हानिकारक है/280; प्राकृतिक अनुशासन अनैतिक एवं अनुपयोगी/281; विद्यालय व्यवस्था/281

15. जे. कृष्णामूर्ति (1895-1986) [J. Krishnamurti (1895-1986)]

जे. कृष्णामूर्ति की दार्शनिक विचारधारा/284; दर्शन का अर्थ/285; सत्य/285: खाली मस्तिष्क/286; आत्म-चेतना का महत्व/286; धार्मिक मन/286; भावनाएँ एवं मानव मन/287: सजगता/एकाग्रता/287: जागरूकता/287; स्वतंत्रता/287; ज्ञान और प्रज्ञा/288; एकाग्रता एवं ध्यान/288; दुःख/289; आंतरिक परमात्मता को सुनने की कला/289; कृष्णामूर्ति को शैक्षिक दर्शन/289; शिक्षा के उद्देश्य/293; एकीकृत मानव का विकास/293; सृजनात्मकता का विकास/293; आध्यात्मिक तैयारी व शिक्षा /293; चुनौतियों का सामना करने की योग्यता की प्राप्ति/294; आत्म-ज्ञान से सूझ-बूझ/294; परिपक्व व स्वतंत्र होना/294; विचारधारा में स्वतंत्रता/294; पुनःशिक्षा/294; वातावरण की उचित सूझ-बूझ का विकास/294; बुद्धिमता का विकास/295; दूसरों के प्रति प्रेम का दृष्टिकोण जागृत करना/295; सरलता का विकास/295; उचित संबंधों का विकास/296; स्वतंत्रता एवं अनुशासन/296; /विचारशीलता को प्रोत्साहन/296; उचित व्यवसाय के लिए तैयारी/296; नवीन मूल्यों का सृजन/296 ; उत्तरदायी बनाना/297; पाठ्यक्रम/297; विद्यार्थियों को जीवन जीने के लिए शिक्षित होना चाहिए/298; शैक्षिक विषयों के अधिगम से प्रत्येक को स्वयं को शिक्षित करना चाहिए/298; शिक्षण विधियाँ/298: अध्यापक की भूमिका/300; बालक की समझ/300; अध्यापक एवं विद्यार्थी में सहयोग/300: अनुशासन/303; विद्यालय/304; परीक्षा/305; शैक्षिक प्रभाव/306; शिक्षा का अर्थ 306; शिक्षा के उद्देश्य/306; पाठ्यक्रम/307; शिक्षण विधियाँ/307;

16. पाउलो फ़्रेईरे (1921-1997) [Paulo Freire (1921-1997)]

जीवनी एवं जीवन रेखाचित्र/310: शिक्षा दर्शन/310; शिक्षा का अर्थ/312; शिक्षा के उद्देश्य/312: आलोचनात्मक शिक्षणशास्त्र/314; मुक्ति के लिए शिक्षा/315; आधारभूत सिद्धांत/316: पाठ्यक्रम योजना/317; शिक्षण पद्धति/318; चरण। समस्या की खोज (विषयों को उत्पादित करना)/318; चरण ।। कूट-संकेतों को उत्पादित करना (संहिताकरण)/319; आगमनात्मक पूछताछ प्रक्रिया के 3 स्तर/319; चरण III : विसंकेतीकरण/320; बैंकिंग शिक्षा/320; समस्या-प्रस्ताव (उठाऊ) शिक्षा/321; समस्या-प्रस्ताव शिक्षा की विशेषताएं / 322: बैंकिंग शिक्षा और समस्या-प्रस्ताव शिक्षा में अंतर/322: संवाद विधि/323; प्रयोग या अभ्यास/326; शिक्षक/अध्यापक/326: शैक्षिक क्रियाओं में फ्रेइरे का योगदान/328

 


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